पृथ्वी के वायुमंडल की ऊपरी परत में, एक अदृश्य कवच मौजूद है जिसे ओजोन परत के नाम से जाना जाता है। यह परत सूर्य से निकलने वाली हानिकारक पराबैंगनी (UV) विकिरण को अवशोषित करके पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करती है। लेकिन दुर्भाग्य से, मानवीय गतिविधियों के कारण हाल के दशकों में ओजोन परत का क्षरण (Ozone Layer Depletion) एक गंभीर मुद्दा बन गया है। आइए इस लेख में समझते हैं कि ओजोन परत का क्षरण क्या है, इसके कारण क्या हैं और हम इसे कैसे रोक सकते हैं।

ओजोन परत क्या है? (What is the Ozone Layer?)

ओजोन परत वायुमंडल की समताप मंडल (Stratosphere) में लगभग 15 से 35 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस परत में सामान्य ऑक्सीजन (O2) के तीन परमाणुओं से मिलकर बना एक अणु ओजोन (O3) पाया जाता है। यही ओजोन सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी विकिरण के सबसे हानिकारक प्रकारों, यूवी-बी (UV-B) और कुछ यूवी-ए (UV-A) विकिरण को अवशोषित कर लेता है। इस प्रकार यह परत पृथ्वी पर जीवन के लिए हानिकारक विकिरण से सुरक्षा कवच का काम करती है।

ओजोन परत का क्षरण कैसे होता है? (How Does Ozone Layer Depletion Occur?)

ओजोन परत प्राकृतिक रूप से लगातार बनती और नष्ट होती रहती है। लेकिन मानवीय गतिविधियों के कारण वायुमंडल में कुछ रसायनों का उत्सर्जन तेजी से बढ़ा है। इन रसायनों, जिन्हें ओजोन क्ष depleting substances (ODS) के नाम से जाना जाता है, में क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs) और हेलोन शामिल हैं। ये रसायन समताप मंडल में पहुंचकर सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आते हैं। तब इन रसायनों से क्लोरीन और ब्रोमीन परमाणु मुक्त हो जाते हैं। ये परमाणु एक उत्प्रेरक (catalyst) की तरह काम करते हुए ओजोन के साथ प्रतिक्रिया करते हैं और इसे नष्ट कर देते हैं। एक क्लोरीन परमाणु हजारों ओजोन अणुओं को नष्ट कर सकता है।

ओजोन परत के क्षरण के प्रभाव (Effects of Ozone Layer Depletion)

ओजोन परत के पतले होने से सूर्य से निकलने वाली अधिक मात्रा में पराबैंगनी विकिरण पृथ्वी की सतह तक पहुंच जाती है। इसके कई हानिकारक प्रभाव हैं, जैसे कि:

  • त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ना (Increased Risk of Skin Cancer): यूवी-बी विकिरण त्वचा के कैंसर का एक प्रमुख कारण है। ओजोन परत के क्षरण से यूवी-बी विकिरण के स्तर में वृद्धि हुई है, जिससे त्वचा कैंसर के मामलों में वृद्धि का खतरा है।
  • मोतियाबिंद का खतरा बढ़ना (Increased Risk of Cataracts): आंखों में मोतियाबिंद का विकास भी यूवी-बी विकिरण से जुड़ा हुआ है।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करना (Weakening the Immune System): यूवी विकिरण प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है, जिससे शरीर को संक्रमण से लड़ने में कठिनाई होती है।
  • पौधों पर प्रतिकूल प्रभाव (Adverse Effects on Plants): यूवी-बी विकिरण पौधों की वृद्धि को बाधित कर सकता है और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर सकता है।
  • जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान (Harm to Aquatic Ecosystems): यूवी-बी विकिरण जलीय खाद्य श्रृंखला के आधार पर रहने वाले प्लवक (plankton) को नुकस
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