53वीं जीएसटी परिषद की बैठक 22 जून, 2024 को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी। आइए जानते हैं इस बैठक के मुख्य फैसलों को:
- दूध के डिब्बे और सोलर कुकर: स्टील, लोहे, एल्युमिनियम से बने दूध के डिब्बों और सोलर कुकर (चाहे एकल या दोहरी ऊर्जा स्रोत वाले) पर अब 12% की समान जीएसटी दर लागू होगी।
- कार्टन बॉक्स: कोरूगेटेड और नॉन-कोरूगेटेड पेपर या पेपरबोर्ड के डिब्बों और बक्सों पर लगने वाला जीएसटी 18% से घटाकर 12% कर दिया गया है।
- हॉस्टल सेवाएं: शैक्षणिक संस्थानों के बाहर स्थित कुछ हॉस्टल सेवाओं को जीएसटी से छूट प्रदान की गई है। यह छूट इस शर्त पर लागू है कि छात्र कम से कम 90 दिनों तक हॉस्टल में रहे।
- बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण: फर्जी बिलों को रोकने के लिए देशभर में चरणबद्ध तरीके से बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण लागू किया जाएगा।
- रेल सेवाओं पर जीएसटी: भारतीय रेलवे द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं, जैसे बैटरी चालित वाहन और रेलवे के अंदर दी जाने वाली सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है।
- डिमांड नोटिस: जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए जारी किए गए डिमांड नोटिस पर ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया जाएगा, बशर्ते कि मांगी गई पूरी राशि का भुगतान 31 मार्च 2025 तक कर दिया जाए।
- अपील दायर करने की सीमा: विभाग द्वारा दायर की जाने वाली अपीलों के लिए मौद्रिक सीमा को घटाकर जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल के लिए ₹20 लाख, उच्च न्यायालय के लिए ₹1 करोड़ और सर्वोच्च न्यायालय के लिए ₹2 करोड़ कर दिया गया है।
- जीएसटीआर-4 दाखिल करने की अंतिम तिथि: छोटे करदाताओं की मदद के लिए, परिषद ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीएसटीआर-4 दाखिल करने की अंतिम तिथि को 30 जून तक बढ़ाने की सिफारिश की है।
- अधिशुल्क निषेध (Anti-profiteering): 1 अप्रैल, 2025 से अधिशुल्क निषेध के लिए किसी भी नए आवेदन की प्राप्ति के लिए एक समापन खंड (sunset clause) लागू किया गया है।
- मुआवजा उपकर छूट: विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) इकाइयों/डेवलपर्स को 1 जुलाई, 2017 से अधिकृत कार्यों के लिए SEZ में आयात पर लगाए जाने वाले मुआवजा उपकर के भुगतान से छूट दी जाएगी।
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
- जीएसटी परिषद की बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की थी।
- बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
- जीएसटी परिषद एक संवैधानिक निकाय है जो जीएसटी दरों, स्लैब और छूटों पर सिफारिशें करने के लिए उत्तरदायी है।