आज के दौर में निवेश के लिए म्यूचुअल फंड एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है। इसमें भले ही थोड़ा जोखिम होता है, लेकिन रिटर्न भी ज्यादा मिलता है।
नवी म्यूचुअल फंड द्वारा म्यूचुअल फंड निवेशकों और गैर-निवेशकों (मिलेनियल और Gen Z) के बीच एक स्टडी की गई। इस स्टडी के अनुसार, म्यूचुअल फंड चुनते समय लोगों की पहली प्राथमिकता रिटर्न होता है। यानी, निवेश से पहले लोग यह जानना चाहते हैं कि उन्हें कितना रिटर्न मिलेगा।
रिटर्न है निवेशकों की प्राथमिकता
लगभग 50% निवेशक हमेशा रिटर्न को प्राथमिकता देते हैं। यह एक्टिव और इंडेक्स फंड दोनों पर लागू होता है। हालांकि, कई निवेशक फंड की पूरी अवधारणा से अवगत नहीं होते हैं। ऐसे में, कई लोग दोस्तों या परिवार के अनुभवों के आधार पर इंडेक्स फंड को प्राथमिकता देते हैं।
सोशल नेटवर्क पर करते हैं भरोसा
कई निवेशक निवेश के लिए सोशल नेटवर्क और “फिन-फ्लुएंसर” पर भरोसा करते हैं। 80% से अधिक निवेशक इन पर भरोसा करते हैं। हालांकि, यह काफी जोखिम भरा हो सकता है।
कई बार निवेशक फिन-फ्लुएंसर के झांसे में आ जाते हैं और धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। इसलिए, विशेषज्ञों की सलाह है कि आपको कभी भी सोशल मीडिया के आधार पर निवेश नहीं करना चाहिए।
म्यूचुअल फंड को लेकर गलतफहमी
बाजार में म्यूचुअल फंड को लेकर कई गलतफहमियां मौजूद हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- यह माना जाता है कि म्यूचुअल फंड निवेश के लिए व्यापक वित्तीय ज्ञान की आवश्यकता होती है।
- यह भी मिथक है कि निवेश शुरू करने के लिए एक साथ बड़ी राशि की आवश्यकता होती है।
- बाजार में गलतफहमी है कि अगर निवेश ऐप बंद हो जाता है तो निवेश की राशि असुरक्षित हो जाती है।
निष्कर्ष
म्यूचुअल फंड निवेश का एक अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन निवेश करने से पहले अपनी रिसर्च करना और सही फंड चुनना महत्वपूर्ण है। सोशल मीडिया पर भरोसा करने से बचें और हमेशा किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। निवेश करने से पहले, कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।