हाइपोथर्मिया (Hypothermia) क्या है, यह सवाल अक्सर तब उठता है जब हम ठंड के मौसम में होते हैं या फिर किसी दुर्घटना में व्यक्ति को ठंड के कारण तकलीफ होती दिखाई देती है. आसान शब्दों में कहें तो हाइपोथर्मिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर का सामान्य तापमान गिरकर 95°F (35°C) से कम हो जाता है और शरीर खुद को गर्म रखने में असमर्थ हो जाता है. यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है, इसलिए इसके बारे में जानकारी होना ज़रूरी है.
हाइपोथर्मिया कैसे होता है?
हमारा शरीर लगातार गर्मी पैदा करता रहता है और वातावरण में गर्मी खोता भी रहता है. यह एक संतुलित प्रक्रिया है. लेकिन, जब ठंड का मौसम होता है या फिर गीले कपड़ों के साथ ठंडी जगह पर रहते हैं, तो शरीर वातावरण को जितनी गर्मी खो रहा होता है, उतनी गर्मी पैदा नहीं कर पाता. नतीजतन, शरीर का तापमान लगातार कम होता जाता है और हाइपोथर्मिया की स्थिति बन जाती है.
हाइपोथर्मिया के लक्षण (Symptoms of Hypothermia)
हाइपोथर्मिया के लक्षण धीरे-धीरे गंभीर होते जाते हैं, तो शरीर के तापमान में कमी के साथ-साथ इन लक्षणों पर ध्यान दें:
- शरीर का कंपकंपाहट (Shivering): यह शरीर का प्राकृतिक तरीका है गर्मी पैदा करने का.
- उल्टी या जी मिचलाना (Nausea or vomiting)
- भ्रम की स्थिति (Confusion)
- अस्पष्ट बोलना (Slurred speech)
- थकावट और कमज़ोरी (Fatigue and weakness)
- तंद्रा (Drowsiness)
- संवेदना का कम होना (Loss of coordination)
- होंठ, नाक और उंगलियों का नीला पड़ना (Blue lips, nose, and fingers)
- धीमी और कमज़ोर सांस लेना (Slow, shallow breathing)
- बेहोशी (Loss of consciousness)
हाइपोथर्मिया के कारण (Causes of Hypothermia)
हाइपोथर्मिया होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्य हैं:
- ठंड का मौसम (Cold weather): लम्बे समय तक बहुत ठंडे वातावरण में रहना हाइपोथर्मिया का सबसे आम कारण है. खासकर बर्फीले इलाकों में या ठंडी हवाओं के साथ रहने पर यह खतरा बढ़ जाता है.
- गीले कपड़े (Wet clothes): गीले कपड़े शरीर से गर्मी को बहुत तेजी से खींच लेते हैं, जिससे शरीर का तापमान कम हो सकता है. बारिश में फंसना, नदी में गिरना या फिर पसीने से भीगे कपड़ों के साथ ठंडी जगह पर रहना खतरनाक हो सकता है.
- शराब का सेवन (Alcohol consumption): शराब शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने की क्षमता को कम कर देता है. इसलिए, ठंड के मौसम में शराब पीने से हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है.
- कुपोषण (Malnutrition): शरीर को गर्मी पैदा करने के लिए ऊर्जा की ज़रूरत होती है. कुपोषण से ग्रस्त लोगों में शरीर में वसा और मांस कम होता है, जिससे गर्मी पैदा करने की क्षमता कम हो जाती है और हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है.
- कुछ दवाइयाँ (Certain medications): कुछ दवाइयाँ, जैसे कि बीटा-ब्लॉकर्स और ट्राईसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट्स, शरीर के तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं.